अंग्रेज़ शासकों की क्रूरता इतिहास के पन्नों मे समा गयी है — यह वाक्य अतीत के पन्नों मे से होकर अंडमान द्वीप के पोर्ट ब्लेयर स्थित सेल्युलर जेल मे जैसे झूठा सा हो जाता है। अगर आप अंडमान-निकोबार ( संक्षेप मे अंडमान ) के रमणीय टापूओं को पर्यटन की दृष्टि से देखें, तो यह कहना अनुचित न होगा कि अंडमान भारत का एक अनमोल मोती है। सामरिक सुरक्षा की दृष्टि से भी अंडमान का महत्व बहुत बड़ा है। पिछ्ले वर्ष समुद्री गोताखोरी के सिलसिले मे मुझे अंडमान घूमने का अवसर मिला था।
अंडमान द्वीप समूह केंद्र शासित प्रदेश है और इसकी राजधानी पोर्ट ब्लेयर किसी आधुनिक नगर से कम नही है। अंडमान द्वीप पहुँचने के लिये भार्तीय महासमूह से सागर अथवा हवाई रास्ते से होकर आया जा सकता है। पोर्ट ब्लेयर का वीर सावरकर हवाई अड्डा अंडमान का एकमात्र हवाई अड्डा है।
हवाई यात्रा — अंडमान आते वक्त दीपों का सुंदर दृश्य
अंडमान मे कई एक टापू हैं। यहाँ कई वन जनजातियाँ भी हैं जो सैकड़ों वर्षों से यहाँ निवास कर रहीं हैं। इन आदिवासियों को सरकारी संरक्षण प्राप्त है जैसे की सेंटिनेल, ओंगोनेल और जरावा जन जातियाँ। अंडमान की राजधानी पोर्ट ब्लेयर मे सेल्युलर जेल काला पानी के भयावह इतिहास को एक बार फिर सजीव कर देता है।
सेल्युलर जेल के अंदर का दृश्य
सेल्युलर जेल अवशय देखें और अपने वीर स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को नमन करें। पोर्ट ब्लेयर के निकट चिड़िया टापू है, जो वन जीव अभ्यारण भी है, इसके अलावा पोर्ट ब्लेयर से हवेलोक और नील द्वीपों के लिये आधुनिक नौकायान उप्लब्ध हैं। यह फीनिक्स बंदरगाह से नीयमित समय पर इन द्वीपों के लिये प्रस्थान करते हैं।
समुद्री गोताखोरी के लिये हवेलोक टापू मे कई एक प्रक्षिण केंद्र हैं, मैने अपना आरम्भिक गोताखोरी प्रक्षिण यहीं से उत्तीर्ण किया था। इसके अलावा हवेलोक मे समुद्री मोटरबोट सैर, हेलिकोप्टर सैर और वन क्षेत्र का भ्रमण भी किया जा सकता है।
समुद्री गोताखोरी के लिये नाँव पर ओक्सिजेन सिलिंडर चढ़ाये जा रहे हैं
यह मै अवश्य कहना चाहूँगा कि अंडमान आना-जाना और वहाँ ठहरना आपको महँगा पड़ सकता है; अगर आप अकस्मात ही वहाँ जाने की योजना बनायें। २-३ महीने पहिले से अगर आप अपना प्रोग्राम बना ले तो यह बजट मे पूरा हो सकता है।
हवेलोक द्वीप के निकट समुद्री गोताखोरी का मेरा एक संक्षिप्त वीडियो
अब और क्या कहुँ ? अगर हो सके तो अंडमान घूमने का प्रोग्राम अवशय बनायें।